संदेश

1 साल से अधिक आयु वाले बच्चों के दमा के रूप में नित्य तुलसी की पांच पत्तियां खूब बारीक पीसकर थोड़े शहद के साथ प्रातः सायं आवश्यकतानुसार तीन 4 सप्ताह तक चटाएं। 1 साल से कम आयु वाले शिशु को तुलसी का रस दो बूंद (तुलसी की पत्तियां पीसकर स्वच्छ कपड़े में छान कर निकाला गया) तुलसी स्वरस थोड़ी शहद में मिलाकर दिन में दो बार चटायें। बच्चों के दमा के साथ-साथ उनके श्वसन संस्थान अर्थात सांस की अनेक बीमारियां जड़ से दूर हो जाएंगी।

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अजवाइन का काढ़ा यकृत ,तिल्ली, हिचकी ,वमन, मिचली ,खट्टी डकार आना, पेट की गुड़गुड़ाहट ,मूत्र विकार एवं पथरी रोगों का विनाशक है ।इससे मौसम बदलते ही होने वाले ज़ुकाम की शिकायत भी दूर हो जाती है ।ध्यान रहे जिन्हें मूत्र कठिनाई से उतरता हो वह इस काढ़े का सेवन न करें । 125 ग्राम पानी में 1 लोंग डालकर 5 मिनट उबालें तथा फिर नीचे उतारकर ठंडा करके इस खुराक को नित्य पिलाने से पसली चलना, कफ खांसी और निमोनिया में लाभ होता है । एक उपाय यह भी है की 8 बड़े चम्मच (कड़छुल)पानी एक बर्तन में डाल दें और उसमें एक लवंग डाल दें पकते- पकते जब वह पानी एक चम्मच के लगभग रह जाए तब उस पानी को दवा समझ कर रोगी को दे देना चाहिए ,इससे बुखार में आशातीत लाभ मिलता है यह काढ़ा दिन में दो टाइम यानी सवेरे शाम देना चाहिए। लोंग के इस्तेमाल से शरीर के अंदर की वायु नलियों का संकोच तथा विकास और उससे होने वाली पीड़ा नष्ट होती है ।मुह में लॉन्ग रखकर चूसने से खांसी का दौरा कम हो जाता है ,कफ़ आराम से निकलता है ।खांसी दमा सांस रोगों में लॉन्ग के सेवन से लाभ होता है बच्चों के पसली चलने पर -----: दूध में पांच तुलसीकी पत्तियां और एक लॉन्ग उबालकर पिलाने से बच्चों का पसली चलना बंद हो जाता है।

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छाती का दर्द अथवा पसली चलना ------: अजवाइन एक चम्मच को 250 ग्राम पानी में उबालें, चौथाई शेष रहने पर काढ़े को छानकर रात को सोते समय गरम-गरम पीकर ओढ़ कर सो जाएं । दिन में दो बार नियमित पीनेें से पांच सात दिन में छाती का दर्द नष्ट हो जाता है ।यह काढ़ा दो चम्मच की मात्रा से दिन में दो बार निरंतर कुछ दिन देने से पसली चलना भी ठीक हो जाता है। शिशु को सर्दी लगना ------: 6 महीने से 12 महीने की आयु वाले छोटे बच्चों को ठंडे मौसम या ठंडी हवा के कारण सर्दी लग जाए ,छाती में कफ बोले ,छाती में दर्द हो या पसली चले तो आधा कप पानी में 10-12 दानें अजवाइन के डालकर उबालें आधा रहने पर इसे कपड़े से छान लें । यह अजवाइन का काढ़ा थोड़ा गर्म गर्म शिशु को दिन में दो बार अथवा केवल रात में सोने से पहले पिलाएं ।आशातीत लाभ होगा ।इसके अलावा जायफल पत्थर पर पीसकर उसको पैर के नाखूनों के ऊपर लगाने से भी सर्दी ,कफ़ तथा खांसी में बहुत फायदा मिलता है ,जायफल एक गरम मसाला है और यह सर्दी को तुरंत हर लेता है।

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ब्रोंकाइटिस श्वास नली में सूजन एवं दर्द -----: सोंठ, काली मिर्च और हल्दी तीनों वस्तुओं का अलग-अलग पाउडर बना लें ।प्रत्येक को चार चार चम्मच पाउडर लेकर मिला लें, शीशी में भरकर रख लें । 2 ग्राम यानी आधा चम्मच पाउडर गर्म पानी के साथ दिन में दो बार लें। विशेष---: ब्रोंकाइटिस के अतिरिक्त खाँसी, जोड़ों में दर्द ,कमर दर्द ,हिपशूल में लाभदायक है ।आवश्यकता अनुसार 3 दिन से 7 दिन तक ले, पूरा लाभ ना हो तो चार-पांच दिन और ले सकते हैं। छाती का दर्द तथा पसली चलना ------: अजवाइन एक चम्मच को ढाई सौ ग्राम पानी में उबालें चौथाई शेष रहने पर काढे को छानकर रात को सोते समय गरम-गरम पीकर ओढ़ कर सो जाए। दिन में दो बार नियमित पीने से पांच सात दिन में छाती का दर्द नष्ट हो जाता है ।वह काढ़ा दो चम्मच की मात्रा से दिन में दो बार निरंतर कुछ दिन देने से पसली चलना भी ठीक हो जाता है।

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आंवला सूखा और गुलहटी को अलग-अलग बारीक करके पाउडर बना लें ,और मिलाकर रख लें ।इसमें से एक चम्मच पाउडर दिन में दो बार खाली पेट प्रातः सायं सप्ताह 2 सप्ताह आवश्यकतानुसार लें। छाती में जमा हुआ बलगम साफ हो जाएगा ।उपरोक्त चूर्ण में बराबर वजन की मिश्री का पाउडर डालकर मिला लें ।2 ग्राम चूर्ण नित्य लेने से गले के छालों में शीघ्र ही आराम होगा।

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किसी गर्म चीज से अचानक जल जाने से शरीर में फफोले पड़ जाते हैं --इसके घरेलू निम्न उपाय हैं जले हुए भाग को तुरंत पानी के अंदर काफी देर तक हिलाते रहना चाहिए। आलू पीसकर लगाना चाहिए इससे रोगी की जलन बहुत जल्दी ठीक हो जाती है ।शरीर पर किसी भी तरह का घाव या चोट हो जाने पर गोमूत्र और पानी से धोना चाहिए । गेंदे के फूल की पंखुड़ियां हल्दी गोमूत्र की चटनी बनाकर लगाना चाहिए। खूब ठंडा पानी भी उस जली हुई जगह पर कम से कम 5 से 7 मिनट तक गिराते रहना चाहिए ।अगर अधिक जल गया है तो शीघ्र ही डॉक्टर या अस्पताल की सहायता लेनी चाहिए ।जलने के बाद यदि आपकी स्किन पर निशान हो गए हो तो, निशान को दूर करने के लिए हल्दी और मलाई मिलाकर त्वचा पर दिन में दो बार 20- 25 दिन लगाना चाहिए इससे काफी फर्क पड़ता है। एलोवेरा जेल भी बहुत फायदेमंद है।

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बच्चों के मुंह में छाले होने पर मिश्री को बारीक पीसकर उसमें थोड़ा सा कपूर( खाने वाला कपूर मिलाकर) मुंह में लगाए या बुरक दें। मिश्री 8 भाग तो कपूर एक भाग लें। इससे मुंह के छाले और मुंहपाक मिटता है ।यह दवा बच्चों के मुंह आने पर बहुत लाभकारी है।

सेंधा नमक मैदे की तरह बारीक पीसकर कपट छान कर लें ।यह नमक एकदम बारिक होना चाहिए। ऐसा नमक 2 ग्राम हथेली पर रखकर उस से 4 गुना सरसों का तेल डालकर उसे मिलाएं। उस नमक मिले तेल से धीरे-धीरे दांतों और मसूड़ों की भली प्रकार मालिश रोजाना प्रात काल करें । दांतों से खून निकले तो निकलने दीजिए , इस तरह इस तेल का दतवन करने से यानी लगातार कुछ दिन तक दांत साफ करने से दातों में गर्म और ठंडा लगना धीरे-धीरे बंद हो जाता है ।दांतो की मालिश करने पर के बाद मुंह में कुल्ला करके मुंह को भली प्रकार धो लें ।इससे दांत साफ होते हैं ,दांत के कीड़े नष्ट होते हैं पायरिया भी नष्ट हो जाता है और समस्त दांतो के रोगों से बचाव मिलता है।

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प्याज का रस तनिक सा गर्म करके दो-तीन बूंद कान में डालने से कान का दर्द तुरंत दूर होता है ।प्याज को कूट पीसकर मलमल के कपड़े से निचोड कर रस निकाले, और इस प्याज के रस को थोड़ा सा गर्म करके सुहाता सुहाता दो-तीन बूंद कान में डालें ।कान का कैसा भी दर्द होगा आराम मिलेगा ,इससे ऊंचा सुनना, काम में भिनभिनाहट, शांय-शांय की आवाज, कान का बहना आदि रोगों में लाभ मिलता है ।कान के कीड़े भी नष्ट होते हैं।

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लहसुन की एक गांठ में से दो कली लेकर छिलका और झिल्ली उतार लें, दो चम्मच सरसों के तेल में डालकर हल्की आंच पर गर्म करने के लिए रख दें। जब लहसुन जलने लगे और काला पड़ने लगे , तो तेल की कटोरी आगसे उतार कर ,तेल को कपट छान कर लें । निकले हुए गुनगुने तेल को रुई के फाहे से कान में सुहाता सुआता दो-चार बूंद डालने से कान का दर्द दूर हो जाता है ।यदि कान में कीड़ा चला गया है तो वह मर कर अपने आप बाहर निकल आता है और दर्द बंद हो जाता है । यदि कान बहता हो तो लहसुन के साथ नीम की 10-15 पतियों को भी तेल में उबाल लें । इसकी दो बूंद रात में सोने से पहले डालते रहने से कान का जख्म और बहना ठीक हो जाता है।

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खजूर की खीर :- खजूर की गुठलियाँ निकालकर साफ पानी से धोकर, 5-7 खजूर 150 ग्राम दूध में मिलाकर मन्द आंच पर पकने रख दें । 8--10 मिनट बाद खजूर गल जाने पर दूध नीचे उतार लें, और खजूरों को दूध में से निकालकर चबा चबा कर खा लें , ऊपर से पीने लायक गर्म दूध पी लें । यह सस्ता सर्वगुण युक्त महा शक्ति वर्धक योग है । खजूर की खीर खाने से वजन तो बढ़ता ही है ,साथ ही कब्ज और क्षयरोग का नाश भी होता है ।पेट के अनेक रोग दूर होते हैं ।खजूर आमाशय और हृदय को बल देता है। नया रक्त उत्पन्न करता है ,सूखी खांसी और दमा में लाभ करता है । छाती के रोगों में भी लाभ पहुंचाता है ,तपेदिक अतिसार संग्रहणी और बहू मूत्र में भी लाभदायक है ।सुबह या रात सोने से पूर्व प्रतिदिन एक बार दो-तीन सप्ताह से तक 40 दिन तक सेवन करें।

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रात में 10-12 मुनक्का धोकर भिगो दें ।1-2 घंटे भीगने के बाद मुनक्का के बीज निकालकर खूब चबा चबाकर खाएं, 2- 4 सप्ताह के सेवन से ही खून में वृद्धि होती है । इस प्रयोग से खून साफ भी होता है और नाक से बहने वाला खून भी बंद होता है ,मुनक्का वीर्य वर्धक है तथा पेट और फेफड़ों के रोगों में लाभदायक है।

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शतावरी को पीसकर कपटछान करके इस चूर्ण को 3 ग्राम (एक चम्मच )की मात्रा से फांककर ऊपर से एक गिलास दूध पीने से वीर्य वृद्धि और वीर्य पुष्ट होकर खूब शक्ति बढ़ती है ।इसे प्रातः एवं रात्रि सोते समय निरंतर 40 दिन से 2 महीने तक सेवन करना चाहिए इस रसायन के सेवन से नेत्र ज्योति बढ़कर चश्मा उतर सकता है शतावरी का सेवन करते समय, बहुत ध्यान से इसके फायदे और नुकसान की जानकारी अवश्य ले लें।

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तुलसी के बीज आधा ग्राम (पीसे हुए ) सादे - केवल कत्था चूना लगाए पान के साथ, नित्य सुबह और शाम खाली पेट खाने से वीर्य पुष्टि एवं एवं रक्त शुद्धि होती है ।जो लोग पान नहीं खाते हैं, वे एक भाग तुलसी के बीज का चूर्ण , उससे दुगना पुराने गुड़ में मिलाकर ले सकते हैं ।इसे 10 से 40 दिन तक लेना चाहिए ।तुलसी के बीज बहुत गर्म होते हैं, इसलिए यह प्रयोग केवल शीतकाल में ही करना चाहिए शीत ऋतु अर्थात दिसंबर जनवरी में इसका प्रयोग करना चाहिए । इसका सेवन करने से नपुंसकता का रोग नाश होता है ,और धातु पुष्ट होता है । आयुर्वेद में 7 धातुओं के नाम इस प्रकार है ~1रस -लाज्मा,2 रक्त- खून या ब्लड, 3- मांस -मांसपेशियां , 4-मेद -वसा या (फैट), 5-अस्थि -हड्डियां , 6-मज्जा- बोन- मेरो , 7-शुक्र -प्रजनन संबंधी ऊतक इंसानों को 'धातु' कहा जाता है और धातु पुष्टि के लिए उपर्युक्त सेवन बताया गया है।

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25-30 किशमिश लेकर प्रात: काल गर्म पानी से धोकर साफ कर ले ,फिर उन्हें कच्चे दूध में डुबो दें आधे घंटे बाद उस दूध को स्किशमिश सहित उबालें। दूध ठंडा करने के बाद में पहले किशमिश एक-एक करके चबाकर खा ले और ऊपर से गर्म दूध पी लें। इससे रक्त वृद्धि होगी ,जिन्हें सर्दियों में बहुत ठंड का अनुभव होता है और शीत के मारे दोहरे होते जाते हैं ,स्नान करने का दिल कई- कई सप्ताह नहीं करता है। उनकी यह अधिक ठंड महसूस होने की शिकायत ,इस प्रयोग को करने से ,कुछ ही दिनों में दूर हो जाएगी। पुरानी बीमारी ,अधिक कमजोरी, लो ब्लड प्रेशर, यकृत की खराबी ,बदहजमी में किशमिश चिकित्सा बहुत लाभप्रद है।

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500 ग्राम दूध में दो स्वच्छ उत्तम छुहारे डालकर उबालें। लगभग आधा रहने पर दो चम्मच मिश्री या खांड मिलाकर पीने लायक दूध ठंडा कर लें । सर्दी में तो केवल छुहारे का दूध मात्र पी लेना पर्याप्त होता है ।छुहारे के सेवन से मांस ,बल ,वीर्य बढ़ता है । छुहारा रक्त बनाता है और शरीर को मोटा करता है ।फेफड़ों और छाती को बल देता है तथा जुकाम कफ में लाभदायक है। कब्ज हटाकर पेट साफ करता है ।आयुर्वेद के अनुसार छुहारा खाने में मधुर और वीर्य बल दायक है ।यह अकेला ही अनेक रोगों को सदैव के लिए दूर करने में समर्थ है वात पित्त दूर करने वाला कब्ज निवारक, नाड़ी बल दायक, ज्वर ,जलन, मस्तिष्क की दुर्बलता ,बार बार उल्टी होना, अतिसार (दस्त)ठीक करता है, खुलकर मूत्र ना आना ,कमर में दर्द आदि का निवारण करने के लिए यह बहुत अधिक सक्षम है।

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साफ किए हुए गुठली रहित छुहारे एक भाग, सूखे नारियल गोला की (गिरी )2 भाग यानि दुगुनी मात्रा में, मिश्री 3 भाग यानी छुहारे से तीन गुना, लेकर इनके अलग-अलग छोटे टुकड़े कर लें और मिलाकर रख दे ।बस यह बच्चों के लिए स्वादिष्ट और स्वास्थ्य परक नाश्ता तैयार है बच्चों को टॉफी, चॉकलेट, चिंगम ,आदि के स्थान पर दो दो चम्मच रोजाना इसे नाश्ते के समय दे दे ।इसे खाने के बाद तत्काल पानी नहीं पीना चाहिए ,इससे बच्चों के दांत खराब होना, टॉन्सिल बढ़ ना ,बार बार सर्दी लगना ,जुखाम होना ,पाचन शक्ति कमजोर होने की शिकायत ,नहीं रहेगी। सर्दियों में यह विशेष उपयुक्त है।

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दो अखरोट की गिरियां, 4 बादाम रात में पानी में भिगो दें तथा 7 नग मुनक्का बीज निकाले हुए , इन तीनों को नित्य प्रातः खूब चबाकर या पीसकर खाने से ,ऊपर से ढाई सौ ग्राम मिश्री युक्त दूध पीने से वृद्धों की शारीरिक और मानसिक शक्ति में वृद्धि होती है ।लगातार सेवन करने से बूढों में भी जवानों जैसा जोश उत्पन्न हो जाता है ।विशेष :-यदि कब्ज हो तो इस नाश्ते में दो-तीन अंजीर भी मिला लें।

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प्रतिदिन 2~3 सूखे उत्तम अंजीर खाकर ऊपर से 250 ग्राम दूध जिसमें चीनी की जगह मिश्री मिलाकर पी लेना चाहिए। मिश्री मिला दूध अत्यंत शक्तिवर्धक होता है ।इसे लगातार 2- 3 सप्ताह लेना चाहिए। अंजीर मिले दूध पीने से कब्ज -नाशक , पित्तनाशक, रक्त -रोग निवारक, वायु विकार दूर करने वाला है ।इसके सेवन से शरीर में सदैव थकावट सी महसूस होना , नींद सी बनी रहना ,किसी कार्य में मन नहीं लगना आदि शिकायतों में लाभ होता है। अंजीर खून बढ़ाता है ,बलगम निकालता है ,रंग निखरता है ,दमा एवं क्षय रोग कफ की उत्पत्ति रोकने में तथा शक्ति बढाने में अंजीर का सेवन लाभप्रद है। 2-3 अंजीर सुबह भिगोकर रात में खाने से और रात में भिगोकर सुबह खाने से हर प्रकार का बवासीर दूर होता है इसके लिए निरंतर 1 माह तक सेवन करना चाहिए।अंजीर को खूब चबा -चबा कर खाना चाहिए।

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Fennal essentially oil

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Image of Artichoke

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Peppermint essentially oil

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The image of Dandelion

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Acidity can cause a burning sensation in stomach . Baking soda can quickly neutralize stomach acid , and relieve in digestion bloating and gas. It is also known sodium bicarbonate, is a natural antacid. Take 1/2 cup of aloe vera juice three time a day between meals. It helps to soothe an irritated esophagus { भोजन नलिका} .Chemomile ~~ Drink a tea made from 1-3 gram of chamomile flowers for 4 times a day. It acts as an anti-spsmodic and anti-aircraft inflammatory to treat acid reflux . Take Eno fruit salt and mix in one glass of water drink as soon as you can it will also cure your gastric problem. Slippery elm~~ Take 500- 1000 mg of slippery elm three times a day. It soothes gastrointestinal tract.

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When we we suffer from an injury we used to to rush Hospital, but before any Prime or homemade treatment is also good .1~~Compress-- soak a wash clothes or gauze(one type of bandage) in one cup of hot water and 2 tablespoon of epsom salt .Apply this compress 3 times a day for 10 to 15 minutes to help relieve the infection. 2~~ Apply tea tree oil in diluted form 3 times a day ,add 10 drops of 1/2 oz of water to make it in a diluted form. Tea tree oil is an effective antibacterial agent . 3~~Peparmint essential oil - Apply this oil directly to the abscess . It has an antibacterial and antiseptic properties. 4~~Garlic- Apply crushed as a poultice .Garlic has antibacterial properties. 5~~ Calendula - Steep calendula flowers in hot water for 15 minutes. Soak a clean cloth in this solution and apply it to to affected areas as a cold compress. Calendula has anti-inflammatory and wound healing properties. 6~~ Vitamin C-- Take 1000 mg of Vitamin C with bio- flavonoids to support immune system and also reduce skin inflamation.

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त्वचा या घाव से बहते खून पर फिटकरी पीसकर बुराक देने से खून बहना रुक जाएगा। नीम की हरी पत्तियों को पीसकर उसकी लुगदी बनाकर घाव पर रखकर पट्टी बांधे । गूलर के पत्तों को पीसकर घाव पर कुछ दिनों तक लगाने से घाव शीघ्र ठीक हो जाता है ।चोट वाली जगह पर खाने वाला चूना तथा शहद मिक्स करके लगाने से चोट जल्दी ठीक होती है ।हाथ पैर में फ्रैक्चर से सूजन और दर्द होने पर प्याज को कूटकर उसमें हल्दी और सरसों का तेल मिला लें ।इसे हल्का गर्म करके चोट वाले स्थान पर बांधकर रात भर रहने दे ,चोट के कारण घाव हो गया हो तो वहां घी में कपूर मिलाकर लगाएं । दूब को पीसकर लगाने से भी चोट में लाभ मिलता है ।चार चम्मच सरसों के तेल में 4-5 लहसुन की कलियां व एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर धीमी आंच पर हल्का सा गर्म कर लें। इसे चोट वाली जगह पर लगा कर कपड़े से बांध लें। घाव वाली जगह पर फिटकरी को भूनकर लगाएं ,इससे भी घाव जल्दी भरता है। हल्दी व सरसों को मिक्स करके हल्का गर्म कर लें ,इस चोट पर उसके ऊपर अरंड के पत्ते लगाकर बांध देने से भी चोट में लाभ मिलता है ।यदि पत्थर या लकड़ी की चोट से सूजन हुई हो तो, इमली के पत्तों को उबालकर चोट वाली जगह पर लगाकर बांध दें। इसके अलावा चूना व हल्दी को गर्म करके लगाने से भी फायदा होगा। जब कभी शरीर के किसी अंग पर चोट लग जाए तब अदरक को कद्दूकस करके पानी में हल्का सा उबालकर उसी स्थान पर लगाएं । चोट के कारण घाव होने पर 20- 25 नीम की ताजी पत्तियों को तोड़कर पानी के साथ पीस लें और साफ कपड़े से छान लें इसमें चुटकी भर हल्दी डाल दें । फिर इस रस में रुई के फाहे को भिगोकर तवे पर थोड़ा सा घी डालकर गर्म करें , जब वह जलने लगे तो उसे हटा कर थोड़ा सा ठंडा कर घाव पर लगाकर पट्टी बांधे। सेंधा नमक को पानी में डालकर इसमें कपड़े को भिगोकर चोट वाले स्थान पर सेंकने से आराम मिलता है । जहां चोट लगी हो वहां पर अजवाइन पीसकर लगाएं और कपड़े से बांध दें। यदि कोई अंदरूनी चोट लगी हो तो एरण्ड के पत्ते पर सरसों का तेल लगाएं इससे आग में हल्का सेंककर चोट पर लगाकर बांधे ।यदि चोट लगी हुए स्थान से लगातार खून बह रहा हो तो कपड़े को मिट्टी के तेल में भिगोकर बांधे खून का बहना रुक जाएगा । यदि मोच की वजह से सूजन हुई हो , तो सूजन को दूर करने के लिए गुनगुने पानी में फिटकरी मिलाकर मोच वाली जगह पर सिकाई करें । चोट लग जाने पर गेहूं के आटे में सरसों का तेल मिलाकर चोट पर रखकर कपड़े से बांध दें ।सुपर टिप ~~तुलसी के पत्ते को पीसकर चोट पर लगाने से घाव जल्दी भर जाता है।

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आजकल मधुमेह की बीमारी आम है भारत में 5करोड़ 70 लाख लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं ।इस बीमारी के साइड इफेक्ट्स बहुत सारे हैं ,किसी की किडनी खराब हो जाती है ,किसी का लीवर, किसी को ब्रेन हेमरेज और कभी-कभी पैरालाइसिस भी हो जाता है ।मधुमेह या चीनी की बीमारी एक बहुत खतरनाक रोग है इस रोग के मरीजों में रक्त ग्लूकोज स्तर बढ़ा हुआ रहता है, उसकी वजह से आंख, गुर्दा, स्नायु, मस्तिष्क, ह्रदय के क्षतिग्रस्त होने से यह गंभीर ,जटिल और घातक रोग है । इसकी एक आयुर्वेद दवा है जो आप आसानी से घर में बना सकते हैं~~ 100 ग्राम मेथी का दाना, सौ ग्राम करेले का बीज, 150 ग्राम जामुन का बीज ,250 ग्राम बेल के पत्ते (जो शिवजी को चढ़ते हैं), इन सब को धूप में सुखाकर खूब बारीक पीसकर पाउडर बना लें ।इस औषधि के लेने की पद्धति --सुबह नाश्ता करने से 1 घंटे पहले एक चम्मच गर्म पानी के साथ इसे लेना चाहिए, फिर शाम को खाना खाने से 1 घंटे पहले इसका सेवन करना चाहिए। इस प्रकार सुबह-शाम एक-एक चम्मच पाउडर खाना खाने से पहले गर्म पानी के साथ आपको लेना है ।डेढ़- 2 महीने तक अगर आप यह निरंतर दवा लेंगे, तो आपको अपनी बड़ी हुई शुगर की परेशानी में बहुत फायदा मिलेगा। एलोवेरा जूस और करेला जामुन जूस का निरंतर सेवन करने से भी बढ़ी हुई डायबिटीज में बहुत फायदा मिलता है ।इसके अलावा दालचीनी मसाले को बारीक पीसकर सुबह खाली पेट गुनगुने पानी से आधा चम्मच के लगभग लेने से बहुत फायदा होता है। करेले का बीज अथवा करेले का जूस सब तरह से डायबिटीज में बहुत फायदेमंद है ।मेथी को रात में एक चम्मच पानी में भिगो लें तथा सुबह इसके पानी को पीने तथा मेथी को बारीक चबाकर खा लेने से भी यह अत्यंत उपयोगी टिप्स है ।चीनी से बनी हुई चीजों से बहुत परहेज करना करना चाहिए ,गुड इससे ज्यादा फायदेमंद है ।गुड़ का सेवन किया जा सकता है ,परंतु बड़े हुए डायबिटीज में चीनी का सेवन बहुत कम मात्रा में या बिल्कुल ही नहीं करना चाहिए। शुगर के रोगी को ऐसी चीजें ज्यादा खानी चाहिए जिसमें फाइबर हो अर्थात हरी पत्तेदार सब्जियां फल इत्यादि अपने खाने में विशेष रुप से सम्मिलित करना चाहिए ।घी तेल वाली चीजों को कम से कम खाएं ,छिलके वाली दालें मोटा अनाज खाना इसमें अत्यधिक उत्तम है ।रात को खाना सूर्यास्त के पहले खा लेना चाहिए ।जो डायबिटीज आनुवंशिक होती है वह कभी पूरी तरह से ठीक नहीं होती सिर्फ कंट्रोल ही किया जा सकता है ,अतः रोज प्रातकाल उठकर सबसे पहले अपनी डायबिटीज या शुगर लेवल मशीन द्वारा जरूर चेक कर लेना चाहिए इस रोग में जरा भी चूक हमारे लिए अत्यधिक कष्टदाई हो सकती है।

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A condition that uses the body's ability to process blood glucose , otherwise known as blood sugar is commonly known as diabetes.If not taken care of properly diabetes could lead to sugar built up in the blood which can increases the risk of stroke and heart disease. There are 7 veggies that can help keep diabetes under control . 1~fenugreek ~ It is known to keep diabetes in check while improving glucose tolerance, lowering blood sugar levels and stimulating the secretion of insulin .Soak 2tbsp of fenugreek seeds in water overnight ,and drink it with the seed .The next morning on an empty stomach. This will help bring down your Glucose level .2~~bitter gourd is filled with insulin Poly-peptide-P and can help reduce increased sugar levels. You can have it as a sabji or consum it, in the form of smoothie or juice .3~~Cinnamon the bioactive compound in cinnamon can help prevent and fight diabetes. Cinnamon can help also regulate blood sugar levels by stimulating the activity of insulin . Mix half a teaspoon ground cinnamon with warm water and consume once every day. 4~~Vitamin -C ~~If you are someone who has chronic diabetes, then you should be consuming Vitamin C rich foods, like Orange, lemons etc .everyday . It is not only supports healthy skin but it also improves blood sugar levels. Consume at least 600 mg of Vitamin-C daily. 5~~Aloe vera ~~Although a little bitter, aloevera can consumed to lower your blood sugar levels, it is also so abundant in anti-inflammatory properties. Consume like juice . 6~~ Amla~~or Indian gooseberry ~one of the richest source of vitamin C. Amla can help manage pancreatitis and eventually control the blood sugar levels. It also contains chromium that regulates chromium that regulate carbohydrates levels that makes the body more responsive to insulin. Consume it in form of powder, pickle aur juice . 7~~ Drumstick or Moringa offers Essential medical benefits that can help control blood sugar level and treat type 2 diabetes . It is rich in antioxidants and Vitamin C .Cut a few pieces and put it into a jug full of water keep sipping on it whenever ! This. is very useful veggi.

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Increase your salt intake, generally thouse people who are told to avoid using too much salt in their diet for suffering from low blood pressure. Salt can help to improve low blood pressure. Check with your doctor to intake before turning to salty foods .Drink more water. Water is necessary for your basic body functioning .It also helps prevent dehydration ,home remedy~ for low blood pressure take a cup of RAW beetroot juice twice daily, drinking a strong black coffee can also help .some people, suggest making a paste of all almonds and drinking with lukewarm milk.Incude a little exercise in your daily routine .A walk or a swim can help to circulate the blood . Ghee is extensively used in food during winters .Hardly anyone is unaware of the health benefits of ghee , for what has now come to be known in western countries as a clarified butter . Ghee is good for~weakness and skin diseases, to pimple and joint pains ,there is nothing that this Indian superfood cannot fix . No wonder then that ghee has been an essential part of countless Ayurvedic medicine and is still used in numerous home remedies as well. Another health benefit of cow ghee is that it is also used on wounds to speed up healing .However one should note that since cow ghee is high in fat content it should not be consumed by Obess people with heart and kidney problems .Let checkout cow ghee nutrition value, it contains a high amount of saturated fat which is approximately 7. 9 grams per servings. Just as all fats cow ghee is comparatively high in calories ,roughly one tablespoon of serving contains 112 calories .According to the American heart association's recommendations , the total fat intake should be between 25 to 30% of total calories. So far a person with the 200 calories diet ,the ideal fat consumption should be between 56 to 78 g of which the saturated fat shouldn't be more than 16 grams.Al healthy body can produce its own fat, but it's beneficial to consume a little extra ghee .Health benefits of cow ghee ~~ promotes digestion, improve bone development, protects arteries ,helps Balance weight ,increase bone density, provides nurishment, improves immunity, promotes healthy pregnancy, improve eye health and healing wounds etc .Cow ghee gives health benefits to all age groups .cow ghee must be avoided by the people who are obese or are suffering from any heart disease, kidney alignment or a stomach related problems .Anyone can have it once or twice a week .Obese or overweight people should avoid it as it may add to there weight and result in making them unhealthier .Heart patients should not have it as it may increase the risk of heart attack,. This is because it contains fatty acids which increases the blood pressure and make them more prone ,to such attacks people with diseases like jaundice or those who have some abdominal discomfort should also avoid cow ghee ,as it may lead to some major problems of the organs. Lemon is is good in low BP, if you suffer from hypertension due to dehydration, lemon juice is the best solution for you . Antioxidant and Vitamin C present in lemon , which help to improve blood circulation and the normalise the BP. Ginger also reduce high blood pressure those people who consumed Ginger 2~4 grams per day had the lowest risk of developing high blood pressure ,Ginger may help lower blood pressure so you might experience light headedness as a side effect. Ginger also contains salicylates the chemical in aspirin that acts as a blood thinner. This can cause problems of people with bleeding disorder. निम्न रक्तचाप की बीमारी के लिए सबसे अच्छी दवा है गुड़ एक गिलास पानी में 25 ग्राम गुड़ थोड़ा नमक, नींबू का रस मिलाकर दिन में 2-3 बार पीने से निम्न रक्तचाप जल्दी ठीक होता है ।अनार का रस या गन्ने का रस या संतरे का रस अथवा अनानास का रस इन सभी तरल पदार्थ में थोड़ा सा नमक डालकर पीने से रक्तचाप ठीक होता है ।आयुर्वेद में कहा गया है की एक गिलास देसी गाय के दूध में एक चम्मच देशी गाय का घी मिलाकर रात में पीने से निम्न रक्तचाप बहुत अच्छे से ठीक होता है ,अथवा मिश्री और मक्खन को थोड़ी सी मात्रा में मिलाकर खाने से भी, इसमें आराम मिलता है। घी और मक्खन की दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर से जानकारी लेना आवश्यक है। अगर घर में कुछ नहीं हो तो आधे गिलास पानी में चुटकी भर नमक घोलकर पीने से भी निम्न रक्तचाप ठीक होता है ।इसके अलावा डार्क कॉफी अथवा चाय भी निम्न रक्तचाप को ठीक करने में सहायक है।

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गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है ,तथा दुनिया की सारी दवाइयों से तेज असर दिखता है ।इस घी को नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ऑपरेशन के ठीक हो जाता है। देसी घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तरोताजा रहता है ।गर्भवती मां को गाय का घी अवश्य खिलाना चाहिए , इससे गर्भ में पल रहा शिशु बलवान पुष्ट और बुद्धिमान होता है। दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन ठीक होता है ।जिस व्यक्ति को बहुत हार्ट ब्लॉकेज की तकलीफ है और चिकनाई खाने से मना किया गया है ,तो गाय का घी खाएं हार्ट ब्लॉकेज दूर होगा । देसी घी के प्रयोग से नाक से पानी बहना, नाक की हड्डी बढ़ना तथा खर्राटे बंद हो जाते हैं। सर्दी जुखाम होने पर भी गाय का घी हल्का गर्म करके दो-दो बूंद नाक में डाल कर सोना चाहिए। अच्छी नींद के लिए माइग्रेन और खर्राटों से निजात पाने के लिए उपरोक्त विधि अपनाएं। Ghee is high in Omega 3- fatty acids a group of of monounsaturated facts that are excellence for maintaining heart health, as they reduce the risk of disease like stroke ,blockages and heart failure .Ghee is rich in fat, it contains high concentration of monounsaturated Omega- 3s. These helthful fatty acids support a healthy heart and cordiovascular system . Studies show that using Ghee as a part of a balanced diet can help reduce unhealthy cholesterol levels. Applying a thin layer of ghee to the the inner wall of your nostrils will prevent the entrance of pollutants present in the air you breathe. Called Nasya Karma this practice also clear the nasal passage thus preventing cogestion, suggests. ayurvedplusworld.com .

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उच्च रक्तचाप की ठीक करने के लिए घर में उपलब्ध कुछ आयुर्वेदिक दवाइयां है, जो आप ले सकते हैं हमारे घर में दालचीनी , जो मसाले के रूप में उपयोग में लाई जाती है । उसे आप बहुत महीन पाउडर बनाकर आधा चम्मच रोज सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ अथवा दालचीनी को शहद के साथ इसी गर्म पानी के साथ लेने से उच्च रक्तचाप में आराम मिलता है ।मेथी दाना एक चम्मच रात में पानी में भिगो दीजिये प्रातः काल उसका पानी पी ले तथा भीगी मेथी चबाकर खा लीजिए। मेथी का पाउडर बनाकर के भी उस उसे खाली पेट गुनगुने पानी से एक चम्मच सवेरे खा लेने से हाई ब्लड प्रेशर में धीरे-धीरे आराम मिलता है अर्जुन एक पेड़ होता है उस पेड़ की छाल को सुखाकर बारीक पीस लीजिए इसका आधा चम्मच पाउडर पानी में चाय पत्ती की तरह उबालकर छानकर पीने से यह कोलेस्ट्रॉल को ठीक करता है , मोटापा कम करता है और हॉर्ट की धमनियों में कोई रुकावट हो तो उसे दूर करता है ।डॉक्टर अक्सर कहते हैं कि आपका दिल कमजोर है अर्जुन की छाल का काढ़ा पीने से काफी हद तक इस परेशानी से निजात मिलेगी । 5 बेलपत्र लेकर बारीक पीसकर इसकी चटनी बनाइए फिर इसे एक गिलास पानी में डालकर उबालते हुए, जब वह आधा रह जाए तो उसे ठंडा करके पी लीजिए। यह भी उच्च रक्तचाप को ठीक करने में सहायक है ,बेलपत्र से शुगर भी सामान्य होती है ।लौकी का रस भी इसकी बहुत अच्छी दवा है लौकी के रस में पांच पत्ता धनिया पत्र पांच पत्ता पुदीना और तीन-चार काली मिर्च डालकर पीने से भी आराम मिलता है।

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प्याज एक भोजन की ईकाई ही नहीं, रोग निदान के अनेक गुणों का भंडार,🤔

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घरेलू उपाय में शहद का स्थान अद्वितीय है।अनेक रोगों का इलाज और उपचार में सहायक है।

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Every heart hides wounds

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Learn from every mistake you make.

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Every time encourage yourself, try to do best and correct mistakes by analysing. One day u achieve the goal.👍

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संस्कृत विश्व की आद्य और गुरू भाषा है, साक्षर सबसे पहले हम थे।

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All the best vertues gives award of excellence 🤗

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हिम्मत और मेहनत, सफलता के पूरक हैं

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It is very useful plant, without aloe vera there is no life

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A whole life is an exam

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लवंग का तेल सुपर मार्केट तथा अन्य सभी स्टोर, पर मिल जाता है । अगर इन पर ना मिले तो ऑनलाइन आसानी से मिल सकता है । यह गरम ,मसालेदार स्वाद देता है ~दांत दर्द का यह सर्वश्रेष्ठ उपचार है । इस तेल में रुई की एक बॉल डुबोकर, उसे दांत दर्द के ऊपर रख दें । लवंग पीसकर सरसों के तेल में मिलाकर भी इस प्रकार दांत दर्द में प्रयोग में लाया जा सकता है । हल्दी एक तरह की घटक है जिसे करक्यूमिन कहा जाता है यह एंटीसेप्टिक और जीवाणु विरोधी गुणों से युक्त होती है ,अतः हल्दी पाउडर का गाढ़ा पेस्ट तैयार करें और और रूई की बॉल में लगाकर दर्द वाले दांत के नीचे रखें ,स्वाद के लिए इसे शहद के साथ मिलाकर प्रयोग में ला सकते हैं । इसे सीधे दांत के नीचे रख देना चाहिए और दांत दर्द में इससे थोड़ी देर में काफी आराम मिल जाता है ।इसके अलावा एलोवेरा जेल, नीम टी बैग, टी ट्री ऑयल तथा गुनगुने पानी से गरारा करने पर भी आराम मिल जाता है ।लॉन्ग और लहसुन पीसकर लगाने से भी यह बहुत फायदेमंद है ।

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आंख दुखने पर फिटकरी ख्याल रहे फिटकरी (एकदम शुद्ध होनी चाहिए), पीसकर, 30 ग्राम गुलाब जल में घोलकर रख लें। ड्रॉपर द्वारा इस लोशन को दो-दो बूंद दिन में दो-तीन बार आंख में टपकाने से आंख का दर्द ,लाली दूर होती है ।आंख में कीचड़ आना बंद हो जाता है दुखती आंखों के लिए, यह एक अच्छी दवा है । यदि गुलाब जल ना मिले तो डिस्टिल्ड वॉटर या उबला हुआ पानी ठंडा करके इस्तेमाल किया जा सकता है ।जब यह पता चले कि आंख दुखने आने वाली है , तो उस समय जिस आंख में तकलीफ हो रही हो उस तरफ के कान में रुई ठूंस दें। यदि दोनों आंखें दुखने की आशंका हो तो दोनों कानों में रूई ठूंस दें। दो-तीन घंटों में पूर्ण आराम मिलेगा। मोतियाबिंद के लिए ~सफेद प्याज का रस 10 ग्राम, असली शहद( छोटी मक्खियों का पतला शहद ) 10 ग्राम, भीमसेनी कपूर 2 ग्राम~ इन तीनों को अच्छी तरह से मिलाकर शीशी में रख लें ।रात को सोने से पहले आंखों में कांच की सलाइ द्वारा आंखों मेँ लगाने से आरम्भिक मोतियाबिंद शीघ्र रुक जाता है । भीमसेनी कपूर ना मिले तो केवल शहद और प्याज के रस से भी काम चल सकता है ।साफ एवं शुद्ध शहद आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

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मीठा सोडा पानी में डालकर पेस्ट बनाएं । इसे छालों पर लगाएं यह इरिटेट तो करेगा ही ,परंतु थोड़ी देर बाद में आराम मिल जाएगा प्याज में पाए जाने वाले एंजाइम भी छालों को जल्दी ठीक करते हैं । कोकोनट मिल्क के गरारे करने से भी मुंह के छालों में आराम मिलता है। कोकोनोट ऑयल भी इसके लिए बहुत फायदेमंद है ।पुदीना एक एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल है इसके पतों का पेस्ट दिन में दो तीन बार लगातार लगाने से हमें छालों के दर्द में आराम मिलता है । इस बात का बहुत ध्यान रखना चाहिए कि पानी की कमी हमारे शरीर में ना रहे ,कम पानी पीने की वजह से भी यह समस्या पैदा हो जाती है। पेट साफ ना होना, एसिडिटी रहना ,गर्म तासीर की चीजें अधिक खाना इत्यादि इन कारणों से मुखपाक हो जाता है । प्रातः काल दही के साथ एक केला मसल कर खाने से भी मुंह के छाले जल्दी ठीक होते हैं ।चाय, कॉफी ,तंबाकू, अल्कोहल इत्यादि चीजों का सेवन कम से कम करना चाहिए ।रोज एक टमाटर खाने से छालों से राहत मिलती है।

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इमली के बीज की गिरी (बीज) को पत्थर पर चंदन की तरह घिसकर , गुहेरी या फुंसी पर लेप करने से तत्काल ठंडक मिलती है । कुछ ही घंटों में रोग का नामोनिशान नहीं रहता है ।इससे यह रोग ही नहीं नष्ट होता बल्कि भविष्य में पुनः नहीं होता है । इमली के बीज का प्रयोग लाने से पहले 3 दिन पानी में भिगोकर छिलका उतार कर रख लेना चाहिए बिच्छू के काटने पर भी छिल्का उतारा एक बीज का सफेद भाग पानी में घिसकर दंश के स्थान पर लगाते हैं, यह चिपक जाएगा और चूस कर ही उतरेगा। जिस स्थान पर बार-बार फुंसी उठ रही है वहां धूप में खाली हथेली पर तर्जनी उंगली को इतना घिसें कि उसमें गर्मी आ जाए ,उंगली गर्म होने पर फिर उस उंगली से बार-बार फुंसी सिकाई करें यही क्रिया कई बार करने से फुंसि या गुहेरी में आराम मिलता है बार-बार फुंसी निकलना बंद करने के लिए प्रातः~ सायं 3 ग्राम त्रिफला का चूर्ण गाय के दूध से लें । इससे बार-बार आंख की फुंसी निकलना बंद हो जाएगा सप्ताह 2 सप्ताह तक इसी प्रकार ले ।अपने गुप्तांग की सदैव ठीक से सफाई रखें।

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मीठा सोडा पानी में डालकर पेस्ट बनाएं । इसे छालों पर लगाएं यह इरिटेट तो करेगा ही ,परंतु थोड़ी देर बाद में आराम मिल जाएगा प्याज में पाए जाने वाले एंजाइम भी छालों को जल्दी ठीक करते हैं । कोकोनट मिल्क के गरारे करने से भी मुंह के छालों में आराम मिलता है। कोकोनोट ऑयल भी इसके लिए बहुत फायदेमंद है ।पुदीना एक एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल है इसके पतों का पेस्ट दिन में दो तीन बार लगातार लगाने से हमें छालों के दर्द में आराम मिलता है । इस बात का बहुत ध्यान रखना चाहिए कि पानी की कमी हमारे शरीर में ना रहे ,कम पानी पीने की वजह से भी यह समस्या पैदा हो जाती है। पेट साफ ना होना, एसिडिटी रहना ,गर्म तासीर की चीजें अधिक खाना इत्यादि इन कारणों से मुखपाक हो जाता है । प्रातः काल दही के साथ एक केला मसल कर खाने से भी मुंह के छाले जल्दी ठीक होते हैं ।चाय, कॉफी ,तंबाकू, अल्कोहल इत्यादि चीजों का सेवन कम से कम करना चाहिए ।रोज एक टमाटर खाने से छालों से राहत मिलती है।

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